कॉइनबेस खरीदने वाला है CoinDCX? भारत मे 2025 के सबसे बड़ेक्रिप्टो एक्सचेंज पर बड़ा खुलासा!

CoinDCX and coinbase logo

कॉइनबेस ,कॉइनडीसीएक्स ,क्रिप्टो एक्सचेंज का लोगो"

भारत के क्रिप्टो बाजार (Crypto Market) में इन दिनों एक बड़ी खबर ने हलचल मचा रखी है। सोशल मीडिया (Social Media) पर ऐसी चर्चाएं गर्म हैं कि अमेरिका की दिग्गज क्रिप्टो कंपनी (Crypto Company), कॉइनबेस (Coinbase), भारत की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज (Crypto Exchange) कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) को खरीदने की तैयारी में है। हालांकि, कॉइनडीसीएक्स के सीईओ (CEO) सुमित गुप्ता (Sumit Gupta) ने इन दावों को सिरे से नकार दिया है। आइए, इस पूरे मामले को गहराई से समझते हैं।


 

क्या है पूरी खबर?

 

खबरों के मुताबिक, यह अधिग्रहण (Acquisition) 1 बिलियन डॉलर से कम में हो सकता है, जो 2022 में कॉइनडीसीएक्स की 2.15 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन (Valuation) से काफी कम है। यह बात इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि हाल ही में कॉइनडीसीएक्स पर एक बड़ा साइबर हमला (Cyber Attack) हुआ था, जिससे उसकी वैल्यूएशन पर असर पड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।


 

कहानी की शुरुआत: भारत में coinbaseकी बढ़ती दिलचस्पी

 

Coindcx भारत की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज है, जिसके 10 मिलियन से ज्यादा उपयोगकर्ता (Users) हैं। वहीं, coinbase दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो कंपनियों में से एक है। भारत (India) में क्रिप्टो की बढ़ती मांग को देखते हुए कॉइनबेस इस बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। हाल ही में, coinbase ने मार्च 2025 में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) से लाइसेंस (License) प्राप्त कर भारत में फिर से कारोबार शुरू करने की तैयारी की है।

भारत में 93 मिलियन से ज्यादा लोग क्रिप्टो में निवेश (Invest) करते हैं, और यह संख्या 200 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में कॉइनडीसीएक्स का अधिग्रहण कॉइनबेस के लिए भारत के विशाल क्रिप्टो बाजार तक सीधी पहुंच बनाने का एक बड़ा अवसर (Opportunity) हो सकता है।


 

साइबर हमले ने क्या खेल बदला?

 

19 जुलाई 2025 को कॉइनडीसीएक्स पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ था, जिसमें 44 मिलियन डॉलर (लगभग 378 करोड़ रुपये) की क्रिप्टो चोरी हुई। यह हमला कंपनी के एक आंतरिक लिक्विडिटी वॉलेट (Internal Liquidity Wallet) पर हुआ था। कॉइनडीसीएक्स ने तुरंत यह स्पष्ट किया कि ग्राहकों के पैसे (Customer Funds) सुरक्षित हैं, क्योंकि वे कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) में रखे गए हैं। कंपनी ने इस नुकसान की भरपाई अपनी ट्रेजरी (Treasury) से करने का वादा किया है और चोरी हुए फंड को वापस लाने के लिए 11 मिलियन डॉलर तक का इनाम (Reward) भी घोषित किया है।

कुछ जानकारों का मानना है कि इस हमले ने कॉइनडीसीएक्स की वैल्यूएशन को प्रभावित किया है, और अब इसे 1 बिलियन डॉलर से कम बताया जा रहा है। इसी कमजोरी (Weakness) का फायदा उठाकर कॉइनबेस कॉइनडीसीएक्स को कम कीमत पर खरीदने का मौका ढूंढ सकता है।


 

कॉइनडीसीएक्स का जवाब: “हम बिकने वाले नहीं हैं!”

Coindcxके सीईओ सुमित गुप्ता का X (पहले ट्विटर) पोस्ट, जिसमें उन्होंने coinbase द्वारा अधिग्रहण की अफवाहों का खंडन किया है।

Coindcx के सीईओ सुमित गुप्ता ने 29 जुलाई 2025 को X (पूर्व में ट्विटर) पर इन अधिग्रहण की खबरों को पूरी तरह से गलत बताया। उन्होंने लिखा, “ये अधिग्रहण की खबरें पूरी तरह गलत हैं। कॉइनडीसीएक्स भारत में क्रिप्टो को और मजबूत करने पर ध्यान दे रही है। हमारी कंपनी बिकने वाली नहीं है।” उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी का सालाना राजस्व (Annual Revenue) 1,100 करोड़ रुपये से ज्यादा है और उन्हें निवेशकों (Investors) का पूरा समर्थन (Support) प्राप्त है। गुप्ता ने साफ किया कि उनकी कंपनी भारत के क्रिप्टो बाजार को स्वतंत्र रूप से (Independently) बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।


 

कॉइनबेस की रणनीति: भारत में पैर जमाने की कोशिश

 

कॉइनबेस ने पहले भी भारत में काम शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन 2022 में नियामक दिक्कतों (Regulatory Hurdles) की वजह से उसे पीछे हटना पड़ा। अब FIU से लाइसेंस मिलने के बाद coinbase भारत में रिटेल क्रिप्टो ट्रेडिंग (Retail Crypto Trading) शुरू करने की योजना बना रहा है। हाल ही में कॉइनबेस ने डेरिबिट (Deribit) को 2.9 बिलियन डॉलर में और तीन अन्य क्रिप्टो स्टार्टअप्स (Startups) को खरीदा है। कॉइनडीसीएक्स में पहले से उसकी कुछ हिस्सेदारी (Stake) है, और अगर यह अधिग्रहण होता है, तो कॉइनबेस को भारत के लाखों क्रिप्टो उपयोगकर्ताओं तक सीधी पहुंच मिल सकती है।


 

चुनौतियाँ और संभावनाएँ

 

अगर यह सौदा होता है, तो कॉइनबेस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। कॉइनडीसीएक्स को अपने सिस्टम (System) में शामिल करने के लिए तकनीकी (Technical) और नियामक दिक्कतें हो सकती हैं। हाल का साइबर हमला भी उपयोगकर्ताओं के विश्वास (Trust) को कम कर सकता है, जिसके लिए साइबरसुरक्षा (Cybersecurity) में बड़ा निवेश करना होगा। हालांकि, भारत का क्रिप्टो बाजार इतना बड़ा और तेजी से बढ़ रहा है कि यह कॉइनबेस के लिए लंबे समय तक फायदेमंद (Beneficial) साबित हो सकता है।


 

निष्कर्ष: अफवाह या हकीकत का इंतजार?

 

फिलहाल coinbaseऔर Coindcx की ओर से इस अधिग्रहण की कोई आधिकारिक पुष्टि (Official Confirmation) नहीं हुई है। कॉइनडीसीएक्स के सीईओ ने इसे साफ तौर पर अफवाह (Rumor) बताया है। फिर भी, यह खबर भारत के क्रिप्टो बाजार की बढ़ती अहमियत को दर्शाती है। जैसे-जैसे भारत में क्रिप्टो के लिए नियम-कायदे (Regulations) स्पष्ट हो रहे हैं, कॉइनबेस जैसे वैश्विक खिलाड़ी और कॉइनडीसीएक्स जैसे स्थानीय प्लेटफॉर्म के बीच एक नया खेल शुरू हो सकता है।

क्या आपको लगता है कि यह डील आखिरकार होगी, या यह सिर्फ एक बड़ी अफवाह बनकर रह जाएगी? आपकी क्या राय है?

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